देखो मटकी पे मटकी कन्हैया दरिया खटकी तो खट हे समाये देखो मटकी पे मटकी कन्हैया दरिया खटकी तो खट हे समाये
गाता गुणगान करा जन जन ने ये बात बताई रे मटकी....... गाता गुणगान करा जन जन ने ये बात बताई रे मटकी.......
मन मेरा शून्य में है हाँ मन मेरा शून्य में है कोई सब कुछ खोकर भी खुदा की इबादत करने ज मन मेरा शून्य में है हाँ मन मेरा शून्य में है कोई सब कुछ खोकर भी खुदा की इ...
चक्रवात के चक्कर में त्राहि-त्राहि है मन घिसा पीटा हुआ लग रहा है नश्वर जीवन।। चक्रवात के चक्कर में त्राहि-त्राहि है मन घिसा पीटा हुआ लग रहा है नश्वर ...
सुनता था मोहब्बत में होता है सब जायज... सुनता था मोहब्बत में होता है सब जायज...
जिनकी नजरों में मोहन समाये वो नजर फिर तरसती नहीं है ये तो...... जिनकी नजरों में मोहन समाये वो नजर फिर तरसती नहीं है ये तो......